राज्य में 1 अप्रेल 2012 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू की जाएगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया कि राज्य में गेहूं के बम्पर उत्पादन को देखाते हुए किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश में 1 अप्रेल, 2012 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद आरंभ की जाए। इस वर्ष राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खारीद के लिए 15 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मीणा ने बैठक में खरीद से संबंधित सभी तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन जिलों में गेहूं की अधिक आवक हुई है, वहां खरीद केन्द्रों की संख्या को बढ़ाया जाए और जिला मुख्यालयों पर अनिवार्य तौर पर एक खरीद केन्द्र शुरु किया जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गत वर्षों में जिन खरीद केन्द्रों पर गेहूं की शून्य खरीद हुई है, वहां खरीद केन्द्रों को बंद करने पर विचार किया जाए।
खाद्य मंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि किसानों की सुविधा के लिए प्रत्येक मण्डी में खरीद केन्द्र आरंभ किया जाए और जिन स्थानों से खरीद केन्द्र आरंभ करने के संबंध में मांग आए, वहां खरीद केन्द्र शुरू करने पर तत्परता से विचार किया जाए। उन्होंने किसानों को राशि का भुगतान शीघ्र और चैक के माध्यम से करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में खाद्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव जे.सी.महान्ति ने बताया कि इस वर्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का कार्य पांच एजेन्सियों द्वारा किया जाएगा। इनमें भारतीय खाद्य निगम, राजफैड, नेफेड, राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम तथा तिलम संघ शामिल हैं। बैठक में खाद्य, सहकारिता, राजफैड, एफसीआई, नेफेड और तिलम संघ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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